Nojoto: Largest Storytelling Platform

किस तरह वो सूरत मेरे दिल को सुहाती है । देखू उसे त

किस तरह वो सूरत मेरे दिल को सुहाती है ।
देखू उसे तो सुबह की शाम हो जाति है ।।
जब होती  है मुलाकात  कभी उनसे  हमारी ।
हुस्न-ए-खुदा को देख रुह  घायल हो जाती  है ।।

©Jay gopal Sharma #beutyoflove
किस तरह वो सूरत मेरे दिल को सुहाती है ।
देखू उसे तो सुबह की शाम हो जाति है ।।
जब होती  है मुलाकात  कभी उनसे  हमारी ।
हुस्न-ए-खुदा को देख रुह  घायल हो जाती  है ।।

©Jay gopal Sharma #beutyoflove