इम्तिहान की डगर है, तेरा मन क्यों रहा मचल, हर आज!.... कल का बीता हुआ!.... है कल, पर ए जिंदगी तू संभल के चल। हर डगर डगर पर एक नई चुनौती है, जिंदगी एक कठिनाइयों की कसौटी है, पर ए जिंदगी तू संभल के चल। कभी सुख आएगा कभी दुख आएगा, तू हिम्मत बटोर, तेरा हौसला डगमग आएगा, पर ए जिंदगी तू संभल के चल। कभी खुशी है तो कभी गम है, हम साथ-साथ हैं, फिर क्यों गम है, पर ए जिंदगी तू संभल के चल। A challenge by Collab Zone🌟 ✔️Collab करने के बाद कमेंट में done लिखना है । वरना हमारी नजरों से आपकी रचना छूट सकती हैं । ✔️समय - ३० जनवरी शाम ५ बजे तक ✔️प्रतियोगिता में भाग लेना ना भूलिए टॉप २ विजेताओं को testimonial दिया जाएगा ।