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जिंदगी तेरे सागर किनारे, ख्वाब बिछे हैं रेत के सहा

जिंदगी तेरे सागर किनारे,
ख्वाब बिछे हैं रेत के सहारे।
लहरें कहतीं, रुक मत जाना,
आगे है मंज़िल, तू बढ़ते जाना।

चाँदनी रातों में तेरी बातों से,
भर गए हैं दिल के जज़्बातों से।
हर तूफां को सीने से लगाया,
तेरे किनारों पे सब कुछ पाया।

जिंदगी, तू सिखाती है जीना,
हर दर्द को हँसकर पीना।
तेरे किनारे हैं मेरे मुकाम,
जहाँ सपने देते हैं नया अंजाम।

©Balwant Mehta #seaside
जिंदगी तेरे सागर किनारे,
ख्वाब बिछे हैं रेत के सहारे।
लहरें कहतीं, रुक मत जाना,
आगे है मंज़िल, तू बढ़ते जाना।

चाँदनी रातों में तेरी बातों से,
भर गए हैं दिल के जज़्बातों से।
हर तूफां को सीने से लगाया,
तेरे किनारों पे सब कुछ पाया।

जिंदगी, तू सिखाती है जीना,
हर दर्द को हँसकर पीना।
तेरे किनारे हैं मेरे मुकाम,
जहाँ सपने देते हैं नया अंजाम।

©Balwant Mehta #seaside