अक्सर जब मैं पास था सोचता प्यार भी कोई चीज है जो लिया और दिया जाता लेकिन मै प्यार का मतलब तब समझा जब मै जा रहा था और तुम पीछे रो रही थी और जब मैं मुड़कर कहा क्या हुआ और तुम मुस्कराते हुए बोली कुछ नहीं और मैने उन मुस्कान में ऑंसुओ के झरने देखें क्या यही प्यार है हा सायद ... हा लेकिन ओ मुस्कान अब भी मुझे याद है जिसमें तुम अपना आँसू छिपाकर रही थी thanks for You................. A different feeling that is getting reduced......