वो अधर में रुके है ,ना इस पार के ना उस पार के। जैसे कोई नाव , फसी हो लहरों के तूफ़ान में ।। अब नही रुकते अश्क मेरे , ना कोई ख़ैरियत न ख़त। जैसे कोई मुसाफिर , भटका रहा है राह मे।। कई यादें दफ़्न कर चुका हूं , धुँए में ख़ुद को जला रहा। जैसे कोई मौत की आग़ोश में , खुद समा रहा ।। मोतियों की चमक भी , फिकी लगती है । कोहिनूर के एक दफ़ा , दीदार के बाद।। -🖋️मेरी_रूहVj #Love #hurt #Feel #feelings #shyari