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वो अधर में रुके है ,ना इस पार के ना उस पार के। जैस

वो अधर में रुके है ,ना इस पार के ना उस पार के।
जैसे कोई नाव , फसी हो लहरों के तूफ़ान में ।।


अब नही रुकते अश्क मेरे , ना कोई ख़ैरियत न ख़त।
जैसे कोई मुसाफिर , भटका रहा है राह मे।।


कई यादें दफ़्न कर चुका हूं , धुँए में ख़ुद को जला रहा।
जैसे कोई मौत की आग़ोश में , खुद समा रहा ।।


मोतियों की चमक भी , फिकी लगती है ।
कोहिनूर के एक दफ़ा , दीदार के बाद।।
              
             -🖋️मेरी_रूहVj #Love #hurt #Feel #feelings #shyari
वो अधर में रुके है ,ना इस पार के ना उस पार के।
जैसे कोई नाव , फसी हो लहरों के तूफ़ान में ।।


अब नही रुकते अश्क मेरे , ना कोई ख़ैरियत न ख़त।
जैसे कोई मुसाफिर , भटका रहा है राह मे।।


कई यादें दफ़्न कर चुका हूं , धुँए में ख़ुद को जला रहा।
जैसे कोई मौत की आग़ोश में , खुद समा रहा ।।


मोतियों की चमक भी , फिकी लगती है ।
कोहिनूर के एक दफ़ा , दीदार के बाद।।
              
             -🖋️मेरी_रूहVj #Love #hurt #Feel #feelings #shyari
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