ये हंसता खिलखिलाता चेहरा कुछ पैसों से मुरझा गया। जिसका हाथ थामा था जिंदगी बिताने को वहीं मेरा कातिल बन गया। बेटी बनी तो थी मैं मगर सांस मां ना बन सकी ससुर ससुर ही रह गया बाप ना बन सका गर्व से कहूं कि ये मेरा घर है वैसा ससुराल ना मिल सका। और ये हसता खिलखिलाता चेहरा कुछ पैसों से मुरझा गया। #हसता खिलखिलाता चेहरा