आज वह खिल खिलाकर गमले में जी रहा है शान से
और दे रहा है ढेरों आशीर्वाद मुझे,,,
उसकी नरम हरी पत्तियां,,, सहला रही है मुझे प्यार से,,,
भर रही है सकारात्मक ऊर्जा से मेरे घर को,,,,
जीवन बिखरा है यहीं कहीं पर,,,
कहीं पर पीपल के बीजों से उगता पौधा देखती हूं,,, #ईश्वर_सत्य_है#ईश्वर_से_मन_की_बात#प्रकृति_प्रेमी_भाव