कोई अपना नहीं है आजमाकर देख लेना सिर्फ मुझको ही नहीं तू पूरा जमाना देख लेना गलती नजर आती है तुझको मुझमें तो सुन अब मेने भी बेपनाह दर्द सहना सीख लिया हर रात गुजर जाती है मरते मरते आने बाली हर सुबह में अब मैं जीना सीख लिया आंचल में तेरे शामिल था मैं तू थी बहती नदी और साहिल था मैं full post coming soon ❤️🙏 ©akash shrivastav #dhoop