कुछ बारिश की बूंदें गिरेंगी गुल फ़िर खिलेंगे हम फिर मिलेंगे तुम मेरे लिबास के इत्र को पहचान लेना,नहीं तो मेरे जैसे लिबास में हैवां ज़्यादा मिलेंगे..... ARZ-ए-SAYED #बारिश कुछ बारिश की बूंदें गिरेंगी *गुल फ़िर खिलेंगे* *हम फिर मिलेंगे* *तुम मेरे लिबास के इत्र को पहचान लेना* *नहीं तो* *मेरे जैसे लिबास में हैवां बोहोत मिलेंगे.....*