लहरे ======= मैने लहरों से पूछा कहाँ से आती हो, कहाँ को जातीं हो? वो बोली दूर से आती हूँ दूर को जाती हूँ, तट को छू कर वापस चली जाती हूँ, ये मेरा रोज का काम हैं, कभी गुस्सा होती हूँ तो तूफ़ान भी लाती हूँ,सब तहस नहस कर वापस लौट जातीं हूँ तुम क्यों पूछ रहे हो मुसाफिर ये बाते, क्या तुम्हे भी मुझ सा बनना हैं कभी शांत कभी क्रोधी, नहीं मैं तो यू ही पूछ रहा था, दिमाग मेरा तुम मे समाने की सोच रहा था, ऐसा करके कुछ नहीं पाओगे, मर कर भी मुक्ति नहीं पाओगे, जी कर दिखाओ कुछ कर के दिखाओ,ये जीवन जो अनमोल हैं व्यर्थ ना गावाओ, जब time आएगा मैं खुद तुम्हे अपने मे समा लूगी पर अभी लौट जाओ और जी कर दिखाओ! ©POOJA UDESHI #लहरे लहरे #MereKhayaal