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जो मिला मुसाफ़िर, वो रास्ते बदल डाले दो क़दम पे थी

जो मिला मुसाफ़िर,
वो रास्ते बदल डाले दो क़दम पे थी।
 मंज़िल फ़ासले बदल डाले।।

आसमाँ को छूने की कूवतें,
जो रखता था
आज है वो बिखरा सा हौंसले बदल डाले।।

फूल बनके वो हमको दे गया चुभन,
इतनी काँटों से है।
 दोस्ती अब आसरे बदल डाले।।

इश्क़ ही ख़ुदा है सुन के थी,
आरजू आई खूब।
तुम ख़ुदा निकले वाक़िये बदल डाले।।

©Aarchi Advani जो मिला मुसाफ़िर वो रास्ते बदल डाले दो क़दम पे थी मंज़िल फ़ासले बदल डाले

आसमाँ को छूने की कूवतें जो रखता था आज है वो बिखरा सा हौंसले बदल डाले

फूल बनके वो हमको दे गया चुभन इतनी काँटों से है दोस्ती अब आसरे बदल डाले

इश्क़ ही ख़ुदा है सुन के थी आरजू आई खूब तुम ख़ुदा निकले वाक़िये बदल डाले।
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जो मिला मुसाफ़िर,
वो रास्ते बदल डाले दो क़दम पे थी।
 मंज़िल फ़ासले बदल डाले।।

आसमाँ को छूने की कूवतें,
जो रखता था
आज है वो बिखरा सा हौंसले बदल डाले।।

फूल बनके वो हमको दे गया चुभन,
इतनी काँटों से है।
 दोस्ती अब आसरे बदल डाले।।

इश्क़ ही ख़ुदा है सुन के थी,
आरजू आई खूब।
तुम ख़ुदा निकले वाक़िये बदल डाले।।

©Aarchi Advani जो मिला मुसाफ़िर वो रास्ते बदल डाले दो क़दम पे थी मंज़िल फ़ासले बदल डाले

आसमाँ को छूने की कूवतें जो रखता था आज है वो बिखरा सा हौंसले बदल डाले

फूल बनके वो हमको दे गया चुभन इतनी काँटों से है दोस्ती अब आसरे बदल डाले

इश्क़ ही ख़ुदा है सुन के थी आरजू आई खूब तुम ख़ुदा निकले वाक़िये बदल डाले।
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