क्या तुम मुझसे इतनी ख़फ़ा हो क्यूं रिमझिम रिमझिम बरस रही हो कहता हूं बस मैं दिल की बातें क्यूं इनको न तुम समझ रही हो करते हैं सब तुमसे मेरी बातें बेवजह क्यूं सबसे उलझ रही हो मैं भी तो तुमसे मिलना चाहता हूं तुम तन्हा थोड़े ही तड़प रही हो #thoughtwriter