Mind and Heart धुंए की चादर ने ढक लिया धरती और आसमां दम घोंटू जिंदगी जीने को मजबूर यहाँ लाचार होती दिख रही कानून व्यवस्था सरकार भी हो गई धाराशायी दिल-दिमाग दोनो में चल रही खींचातानी अटक-अटक कर सांस लेने में हो रही परेशानी आंखों में जलन, गले में खराश धुंधला हो गया सब दूर हो या पास छोटे-बड़े सभी का जीवन संकट से झूझ रहा कल क्या होगा गमगीन लबों से पूछ रहा गमगीन लबों से पूछ रहा