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श्रद्धांजलि सच्चे प्रेम का आधार होता है स्वार्थ का

श्रद्धांजलि
सच्चे प्रेम का आधार होता है स्वार्थ का पूर्ण रूप से त्याग और ऐसे प्रेम का सर्वोत्तम रूप  माताओं के स्नेह में ही दिखता है।सन्तान चाहे कुपुत्र दया निकल जाए  लेकिन जन्मदात्री माता कभी कुमाता नहीं हो सकती।ऐसी बात नहीं कि माताओं में अपने दोष या अवगुण  नहीं होते।लेकिन कोई भी माँ अपना कोख से जने संतान के दुखों के प्रति उपेक्षा या अनदेखा कर ही नहीं सकती।माँ में स्नेह,दया और क्षमा अपार होती है।सहनशक्ति और त्याग माँ के स्वाभाविक गुण होते हैं जो उनके ह्रदय में बच्चे को नौ महीना कोख में रखने के पवित्र काल में ही उत्पन्न हो जाते हैं और जीवन भर कभी जाते नहीं।
पार्ट-5

©shashikala mahato
  #श्रद्धांजलि