-संभल ही जाऊंगा कभी- (Continued in caption) हँसते हँसते रोए हो कभी, गहराइयों में खोए हो कभी। रोते रोते सोए हो कभी, तनहाइयों में ग़ुम होए हो कभी। ग़लत को और ग़लत ठहराना चाहोगे कभी। गलती कर मुकरता किसी को देखा है कभी, वफ़ाओं पर सर रख रोता देखा है कभी।