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तुम दीप ढूंढ रहे हो, मैं तुम्हे ढूंढ रहा हूँ। तुझे

तुम दीप ढूंढ रहे हो,
मैं तुम्हे ढूंढ रहा हूँ।
तुझे तेरी मंजिल मिल रही है,
मैं खुद को ही अंधेरे में ढूंढ रहा हूँ।
लक्ष्य मार्ग पर चलने के लिए,
मैं भी अपना दीप ढूंढ़ रहा हूँ।
माना थोड़ा वक्त लगेगा, थोड़ा लड़ना और पड़ेगा।
पर रास्ता क्या है, ये मैं ढूंढ ही लूंगा।
अपना मार्ग मैं ढूंढ़ ही लूँगा।
मैं खुश हूँ कि तुमने, अपना लक्ष्य भेद ही डाला,
दीप का सही अर्थ सेंध ही डाला।
जो सोंचा वो सब कुछ पाया,
अपना रुतबा सींच ही डाला।
पर तुम रुको, मैं भी अपना इतिहास लिखुंगा,
अपना दीपक जान ही लूँगा।
स्व स्वाभिमान का ज्ञान भी लूंगा,
अपना भी पहचान लिखूँगा।
अपना दुःख अंधकार भी भेद ही लूंगा,
खुद को अपना दीप लिखूँगा।
-चन्द्रसेन कोरी #Kori #alfaazayekori #shayarkori #koriwritesforupsc #koribrother
तुम दीप ढूंढ रहे हो,
मैं तुम्हे ढूंढ रहा हूँ।
तुझे तेरी मंजिल मिल रही है,
मैं खुद को ही अंधेरे में ढूंढ रहा हूँ।
लक्ष्य मार्ग पर चलने के लिए,
मैं भी अपना दीप ढूंढ़ रहा हूँ।
माना थोड़ा वक्त लगेगा, थोड़ा लड़ना और पड़ेगा।
पर रास्ता क्या है, ये मैं ढूंढ ही लूंगा।
अपना मार्ग मैं ढूंढ़ ही लूँगा।
मैं खुश हूँ कि तुमने, अपना लक्ष्य भेद ही डाला,
दीप का सही अर्थ सेंध ही डाला।
जो सोंचा वो सब कुछ पाया,
अपना रुतबा सींच ही डाला।
पर तुम रुको, मैं भी अपना इतिहास लिखुंगा,
अपना दीपक जान ही लूँगा।
स्व स्वाभिमान का ज्ञान भी लूंगा,
अपना भी पहचान लिखूँगा।
अपना दुःख अंधकार भी भेद ही लूंगा,
खुद को अपना दीप लिखूँगा।
-चन्द्रसेन कोरी #Kori #alfaazayekori #shayarkori #koriwritesforupsc #koribrother