कुछ अनगढ़ी सी मुस्कान थी उसकी, मेरे दिल पर राज करती थी वो। मुख्तसर सी साथ थी मेरी उसकी, आज़ भी मन में कसक सी रहती है वो। #यादें# कुछ कही#कुछ अनकही#