सुनो! मैं सिर्फ़ तुमसे ही इश्क़ नहीं करता तुमसे जुड़ी हर एक चीज़ से करता हूँ तेरे एहसासों से तेरे विश्वासों से तेरे विचारों से तेरे रिश्तों से तेरे आत्मसम्मान से ताकि प्यार करना कोई ग़ुनाह न समझा जाए जैसे आजतक समझा गया है और आशिक़ को भी इज़्ज़त दी जाए जो आजतक नहीं दी जा सकी है आशिक़ी को महज़ एक फ़ितूर न जानें ताकि फ़िर कोई बदनाम न किया जाए वादा वफ़ा का इस तरह निभाना है कि प्यार वफ़ा सब बातें हैं बातों का क्या? अवधारणा टूट जाए।— % & ♥️ Challenge-841 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ Happy Promise Day ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।