कोरा काग़ज़ - शब्दों का संसार है जिसे चेतन मन ने बनाया है। जैसी चाहो दुनिया बन जाए हर रंग को इसने अपनाया है, मन की बात को लेखक ने कोरे काग़ज़ में दिखलाया है, कभी ये ख़त बन जाता कभी माज़ी को बतलाया है। दो दिलों की दूरियों को कोरे काग़ज़ ने सिमटाया है, कभी दिल-ए-मुज़्तर से कभी प्यार से सजाया है। कोरा काग़ज़ - शब्दों का संसार है शब्द ही इसकी छाया है। हर रंग को बिन सवाल-जवाब स्याही से अपनाया है। ♥️ Challenge-1000 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ यह विशेष प्रतियोगिता है हज़ारवीं मुख्य प्रतियोगिता को सुन्दर बनाने के उपलक्ष्य में। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।