अपनी-अपनी तन्हाइयाँ लिए सवालों के दायरों से निकलकर रिवाज़ों की सरहदों के परे हम यूँ ही साथ चलते रहें कुछ न कहें चलो दूर तक तुम अपने माजी का कोई ज़िक्र न छेड़ो मैं भूली हुई कोई नज़्म न दोहराऊँ तुम कौन हो मैं क्या हूँ इन सब बातों को बस, रहने दें चलो दूर तक अजनबी रास्तों पर पैदल चलें। © दीप्ति नवल #NojotoQuote Female Actor Dipti Naval 's Poetry #hindipoetry #hindinojoto #nojotohindi #nojoto #nojotopoetry #poetrywriting #poemsporn #hindilovers #hindiwriters #nojotowriters