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नज़रों से गिरती देखी है , मैंने जब से शराफ़त उसकी

नज़रों से गिरती देखी है ,
मैंने जब से शराफ़त उसकी ।
अल्लाह खैर करे अब,
नहीं चाहिए रिफाकत उसकी ।।
- मन्नत 

रिफाकत - साथ ,दोस्ती नहीं चाहिए रिफाकत उसकी
नज़रों से गिरती देखी है ,
मैंने जब से शराफ़त उसकी ।
अल्लाह खैर करे अब,
नहीं चाहिए रिफाकत उसकी ।।
- मन्नत 

रिफाकत - साथ ,दोस्ती नहीं चाहिए रिफाकत उसकी
sainipriyanshi5787

Priyanshi

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