"विनती" मैं कह नहीं पाती , मैं सह नहीं पाती कैसे बयां करू अपना दर्द मैं मेरी जुबां समझा नहीं पाती हे मानव तुम भी करो प्रयत्न अपना प्रभु से आस छोड़ी नहीं जाती तुमने भी तो कभी हार नहीं मानी करो तुम भी प्रयोग अपना निजात दिलाओ हमें इस दर्द से निभाओ तुम भी तो कर्त्तव्य अपना कष्ट में है मां तुम्हारी... कैसे करोगे तुम रक्षा हमारी दर्द मिटता नहीं...आंसू रुकते नहीं... मगर फिर भी अभी तक हमने हिम्मत ना हारी हे मानव तुम सुन लो विनती हमारी जल्द बनाओ दवा और रोक लो ये महामारी वरना परिणाम होगा विनाशकारी ©Nikita Sharma (Ni-Chha) #gaumata#diesease#pray