सोचा था आज अपना दर्द कहेंगे तुमसे पास बैठ कर हिज्र की दास्तां सुनेगे तुमसे नैनों से बहते अश्क़ और दिल के बोझ को तेरे समक्ष रखकर मन को हल्का करेंगे फिर से देखा जो नजर उठा कर तो आज भी वही नजारा पाया भरी महफ़िल में खुदको अकेला पाया तकलीफ चार गुना बढ़ गई जब लोगो का ताना आया कृष्णप्रिया का कान्हा तो आज फिर से ना आया बहते अश्कों से मेरे बस नदी का सैलाब आया क्यूँ मुरली मनोहर, नटवर नागर आज भी तुझे मेरा दर्द ना दिख पाया। ★अनकहे अल्फाज़★ ©Priya Singh #kanha #Kanhaiya #Pain #ankaha_ehsaas #Adhuri_baat #nojohindi #nojotoenglish #nojato #lunar