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आज प्राकृति बड़ी मनोरम, अलस उसको छाई है चादर लगा

आज प्राकृति बड़ी मनोरम,
अलस उसको छाई है 

चादर लगाकर मखमल की,
कोहरे का कम्मल लाई है 

आखे बन्द कर लेटी है प्यार से,
पेड़ो और पहाड़ॊ पर भी, ओश की तकिया लगाई है 

पक्षी और जीव जन्तु भी जैसे मस्ती के मूड़ मे लगते है 
चंचल बदमाशियो से मन को अलग ही आनंद से भरते है 

कुछ जवां बुजुर्गों की टोली सुर्य नमस्कार कर रहे 
ये नये तोता मैना है शायद कुछ मीठी सी बहस कर लड़ रहे 

है कुत्ते का बच्चा🐕 अपनी ही धुन मे
कपड़े के टुकड़ों से कुश्ती से कर रहा 

कितना खुबसुरत है आज का दिन 
सब नया नया सा लग रहा 😊
                                  (R.k.yadav) #खुबसुरत  #Vali #Morning 😊

#MorningTea
आज प्राकृति बड़ी मनोरम,
अलस उसको छाई है 

चादर लगाकर मखमल की,
कोहरे का कम्मल लाई है 

आखे बन्द कर लेटी है प्यार से,
पेड़ो और पहाड़ॊ पर भी, ओश की तकिया लगाई है 

पक्षी और जीव जन्तु भी जैसे मस्ती के मूड़ मे लगते है 
चंचल बदमाशियो से मन को अलग ही आनंद से भरते है 

कुछ जवां बुजुर्गों की टोली सुर्य नमस्कार कर रहे 
ये नये तोता मैना है शायद कुछ मीठी सी बहस कर लड़ रहे 

है कुत्ते का बच्चा🐕 अपनी ही धुन मे
कपड़े के टुकड़ों से कुश्ती से कर रहा 

कितना खुबसुरत है आज का दिन 
सब नया नया सा लग रहा 😊
                                  (R.k.yadav) #खुबसुरत  #Vali #Morning 😊

#MorningTea