सब रंगों में ख़ूब है, इश्क के रंग की धूम है, उतरे से भी न उतरे ऐसा इसका गहरा रंग है, प्यार,मोहब्बत,आशिक़ी सब इसके पर्याय है, मिटे न रंगत कभी समृद्धि इसका अभिप्राय है, भूल सब गिले शिक़वे आमोद प्रमोद हो जाओ, बाँट दो खुशी उनकी ख़ुशी में शामिल हो जाओ, इस त्योहार ले आओ उन मासूमों के मुख मुस्कान, अपना मानते है रब को तुम उनके रब बन जाओ, अनन्य होती है खुशियों की अन्नतस्वरूपा सी बहार, याद करे जमाना तेरे बाद ऐसी रंगत छोड़ जाओ।। ♥️ Challenge-521 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।