यें शहर अब बेदिलों की पनाहों में है सनम , फिर , मज़हबी गुब्बारें हवाओं में है सनम !! बातें मदद की अरसे से बेईमानी हो चुकीं , ताकत , शिखंडियों की भुजाओं में है सनम !! उस शाह ने लगाया मेरी झोपड़ी का मोल , जिसके महल का हुस्न बलाओं में है सनम ।। #शहर_ए_इश्क़ #मदद #हुस्न #महलो