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ज़िंदगी दिसंबर सी एक गरीब भिखारी की लावारिस लाश अपन

ज़िंदगी दिसंबर सी एक गरीब भिखारी की लावारिस लाश अपनी आपबीती सुना रही है, 
ऐ इंसानों ज़रा ध्यान दो ये हमे बुला रही है, 

देखो, थम गई है मेरी साँसें, 
बर्फ हो गया है बदन, 
ना सर पर छत है, 
ना ओढ़ने को है कफ़न, 
राहत तो मैंने अब पायी है, 
जब मेरी कज़ा आयी है, 
वैसे, मेरा अंत तो मेरी पैदाइश से ही रहा मेरे करीब था, 
जिसने सारे मौसम देखे हो वो किसी और का नसीब था, 
मुझे तो ये दुनिया हमेशा लगी है आडम्बर सी, 
क्योंकि मेरी जिंदगी तो हमेशा बीती है दिसंबर सी, 
मेरी जिंदगी तो हमेशा बीती है दिसंबर सी........... #December#Poverty#Day06#Helpless#Homeless#Nojoto#NojotoHindi#NojotoShayari#poetry#SircasticSaurabh
ज़िंदगी दिसंबर सी एक गरीब भिखारी की लावारिस लाश अपनी आपबीती सुना रही है, 
ऐ इंसानों ज़रा ध्यान दो ये हमे बुला रही है, 

देखो, थम गई है मेरी साँसें, 
बर्फ हो गया है बदन, 
ना सर पर छत है, 
ना ओढ़ने को है कफ़न, 
राहत तो मैंने अब पायी है, 
जब मेरी कज़ा आयी है, 
वैसे, मेरा अंत तो मेरी पैदाइश से ही रहा मेरे करीब था, 
जिसने सारे मौसम देखे हो वो किसी और का नसीब था, 
मुझे तो ये दुनिया हमेशा लगी है आडम्बर सी, 
क्योंकि मेरी जिंदगी तो हमेशा बीती है दिसंबर सी, 
मेरी जिंदगी तो हमेशा बीती है दिसंबर सी........... #December#Poverty#Day06#Helpless#Homeless#Nojoto#NojotoHindi#NojotoShayari#poetry#SircasticSaurabh