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संग मेरे चाय, बारिश और तुम हो। चाय तो एक बहाना था

संग मेरे चाय, बारिश और तुम हो।
चाय तो एक बहाना था पास हम तुम्हारें इतने आएं।

बारिश तपती ज़हन को गिला कर जाएं।
मेरी रूह में ऐसी गरमाहट घुल जाएं।

चारों ओर सुकूँ का एहसास हो-
संगमरमर सी तुम्हारी बाहें, रोम-रोम मेरी महक जाएं।

मोहब्बत की ऐसी शुरुआत हो जाएं।
प्याले से लब हटकर मेरी निगाहें तुम्हें छु जाएं।।  सुप्रभात,
🌼🌼🌼🌼

🌼आज का हमारा विषय "चाय, बारिश और तुम" बहुत ही ख़ूबसूरत है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा।

🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए।

🌼आपके भाग लेने का समय आज रात्रि 12 बजे तक है,
संग मेरे चाय, बारिश और तुम हो।
चाय तो एक बहाना था पास हम तुम्हारें इतने आएं।

बारिश तपती ज़हन को गिला कर जाएं।
मेरी रूह में ऐसी गरमाहट घुल जाएं।

चारों ओर सुकूँ का एहसास हो-
संगमरमर सी तुम्हारी बाहें, रोम-रोम मेरी महक जाएं।

मोहब्बत की ऐसी शुरुआत हो जाएं।
प्याले से लब हटकर मेरी निगाहें तुम्हें छु जाएं।।  सुप्रभात,
🌼🌼🌼🌼

🌼आज का हमारा विषय "चाय, बारिश और तुम" बहुत ही ख़ूबसूरत है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा।

🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए।

🌼आपके भाग लेने का समय आज रात्रि 12 बजे तक है,
nehapathak7952

Neha Pathak

New Creator

सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 🌼आज का हमारा विषय "चाय, बारिश और तुम" बहुत ही ख़ूबसूरत है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। 🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए। 🌼आपके भाग लेने का समय आज रात्रि 12 बजे तक है, #YourQuoteAndMine #yqhindi #writerscafeplateform #लिखते_रहो_बढ़ते_रहो #collab_with_wc #wc_9_चाय_बारिश_और_तुम