जब तुमसे मिलना न होगा संग घूमना – फिरना न होगा तुम नज़र घुमाकर ढूँढोगे जब दूर-दूर तक कुछ न होगा फ़िर बोलो क्या ईजाद करोगे मुझे भूलोगे या याद करोगे? जब नीरस नया मौसम होगा