सोते जगते तेरी यादें, धड़कन बनकर धडकेगी
नींद कहां अब इन आंखों में,#रात_सोचते_गुजरेगी
हंसते रोते तेरे नगमे, गीत लबों पर रहते हैं
मेरे मन की सभी व्यथाएं, गीत तुम्हारे कहते हैं
तड़पता हूं मैं यहां अकेला, #वहां_वो_करवट_बदलेगी
नींद कहां अब इन आंखों में, #रात_सोचते_गुजरेगी...