शिखा जिसकी धरोहर है ,तिलक से जो अलंकृत है चमकता भाल दिनकर सा जो अपराधों से वंचित है, है शंभू सा विनाशी जो विष्णु सा हृदय कोमल ,है..है जिसमे तेज ब्रह्मा का वो ब्राह्मण सर्वंदित है ... ©Rishabh Dubey ब्राह्मण