स्वर्ण जयंती वर्ष मुबारक, जम कर साथ निभाया है, रहे समर्पित मिलकर दोनों, प्रभु आशीष भी पाया है, खट्टे-मीठे अनुभव देखे, साहस, धैर्य का साथ रहा, दोनों हैं व्यवहार कुशल, ईश्वर पर भी विश्वास रहा, याद करो दिन शादी का, दूल्हे के सर पर सेहरा था, दुल्हन बैठी थी घूँघट में, रिवाज-धर्म का पहरा था. विदा हुई छुक-छुक गाड़ी में, जियरा धुक-धुक करता था, दूल्हा कौन, कहाँ जा रहे, मन कुछ सोच न सकता था. दुल्हन ने जब दूल्हा देखा, मिलकर आँखें चार हुईं, दोनों के दिल एक हुए, दुल्हन पति के अनुसार हुई. कठिन समय भी पार हुआ, हैं दोनों ने कर्तव्य निभाए, एक-दूजे का सम्मान किया, संग प्यार के दीप जलाए. देखे आदर्श नई पीढ़ी, गृहस्थी मिलजुल चलती है, परस्पर जब विश्वास रहे, हर बात सुहानी लगती है. अब बच्चों की खुशियाँ देखें, वृद्धि करें, समृद्धि को पाएं, घर-परिवार सुखी हों सबके, उन्नति पथ पर बढ़ते जाएँ. लम्बा सफर कटा जीवन का, ख़ुशी की बेला आई है, सुखी, स्वस्थ, दीर्घायु रहें, हमारी बहुत बधाई है #Success