बहुत कठनाई हमने सही अपनी मंज़िल के रास्तों में मेरी कामयाबी की इबारत लिखने में तब जाकर तकदीर ने भी साथ दिया मंज़िल राहों में मुसीबत आती रही, पर मैंने हार नहीं मानी, मैं मंज़िल पर पहुंच कर लिखूंगी मेरी सफलता की कहानी।