सुबह फिर आती है ग़मों की फैली चादर सिकुड़ ही जाती है 🌹 सुप्रभात। वो देखिए वक़्त नए रंग में ढलता है, दिन नया निकलता है। #नयादिन #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi