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लो वो समय आ ही गया, शायद अब अर्थव्यवस्था भी सामान्

लो वो समय आ ही गया,
शायद अब अर्थव्यवस्था भी सामान्य होगा ,
बेरोजगारी पे कोई बात तो करेगा,
कम से कम इतना तो आश लगा सकते हैं ,
हमारे लोकतंत्र का स्तंभ (मीडिया) इस पर विचार तो करेगा।।

अच्छा अभी तो बहुत सी बातें हैं जिसको हेडलाइंस बनाए रखना है,
शायद देश के हालात को सामान्य दिखाए रखना है,
हां हालात इतनी बुरी भी नहीं है, जनता अभी कामना भूली नहीं है,
स्टार्टअप तो आसमां छु रही है, नौकरी को किसको पड़ी है।

भुखमरी, गरीबी तो बहाना है,
ये तो पिछले जन्म में किए गए कर्मो को छिपना है,
सही तो सबकुछ चल रहा है बस अपनी आंखो को बंद करे रखना है,
आश तो अभी उस उप्परवाले से ही है क्योंकि,
देश को बदलते देखने से पहले इंसानों को बदलते देखना है।।(2)


 No offence to anyone, more serious matter also needs to be addressed.
#yqhindi #yqhindipoetry #yqquotes #yqbaba
लो वो समय आ ही गया,
शायद अब अर्थव्यवस्था भी सामान्य होगा ,
बेरोजगारी पे कोई बात तो करेगा,
कम से कम इतना तो आश लगा सकते हैं ,
हमारे लोकतंत्र का स्तंभ (मीडिया) इस पर विचार तो करेगा।।

अच्छा अभी तो बहुत सी बातें हैं जिसको हेडलाइंस बनाए रखना है,
शायद देश के हालात को सामान्य दिखाए रखना है,
हां हालात इतनी बुरी भी नहीं है, जनता अभी कामना भूली नहीं है,
स्टार्टअप तो आसमां छु रही है, नौकरी को किसको पड़ी है।

भुखमरी, गरीबी तो बहाना है,
ये तो पिछले जन्म में किए गए कर्मो को छिपना है,
सही तो सबकुछ चल रहा है बस अपनी आंखो को बंद करे रखना है,
आश तो अभी उस उप्परवाले से ही है क्योंकि,
देश को बदलते देखने से पहले इंसानों को बदलते देखना है।।(2)


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