मेरी रचना - दूरी कुछ जख्म थे .लगता है अब नासूर हो गए है ... हम कल तक तो करीब थे ... अब दूर हो गए हैं .. मोहब्बत के गुलाबों में अब खुसबू नहीं आती .. मेरे कमरे की हवाओं में तेरी खुसबू नहीं आती .. तेरी यादों के कांटे.भी अब शूल हो गए हैं .. मोहब्बत के ये कैसे उसूल हो गए हैं ... यूँ तो सारा सहर है हमारे आसपास ... फिर भी न जाने क्यों हम वीराने में कही खो गए हैं ... अब यूँ लगता है की हम तुमसे दूर हो गए हैं .. #Nojoto #Love #Nojotolove #Nojotohindi मेरी रचना - दूरी कुछ जख्म थे .लगता है अब नासूर हो गए है ... हम कल तक तो करीब थे ... अब दूर हो गए हैं .. मोहब्बत के गुलाबों में अब खुसबू नहीं आती ..