माथे की बिंदी ये आंखें में जो काजल लगाया हैं तुमने, मेरे दिल मुकममल पागल बनाया है तुमने। और ये कानो के झुमके जान लेने को किया काफ़ी ना थे, अब जो माथे पर बिंदी को सज़ाया हैं तुमने। ©ANAM SIDDIQUI bindi A poetry by ANAM SIDDIQUI #Bindiya #love❤ #bindi