दिल की दीवारों पर तुम्हारा ही नाम लिखते और मिटाते हैं, चाहता है क्या मेरा ये दिल यह भी हम समझ नहीं पाते हैं। शिकवा और शिकायत नहीं है तुम्हारी किसी भी हसरत से, तुम्हारी हर ख्वाहिश को अपनी ख्वाहिश बनाना चाहते हैं। दिल चाहता है हर पल तुमको ही नजरों के सामने रखना, तुम्हारी नजरों में उदासी देखके हम भी उदास हो जाते हैं। तुम्हारा नाम दिल पर लिखने के बाद फिर कभी ना मिटे, दिल की ख्वाहिश अधूरी ना रह जाए ये सोच घबरा जाते हैं। एक नहीं बल्कि जन्मों जन्म के लिए दिल चाहने लगा है, खुदा से हर पल दुआ में अब बस तुझको ही मांगते रहते हैं। ♥️ Challenge-688 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।