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अब याद नहीं कैसे खेली थी, तुम आओ तो, होली खेलें ।

अब याद नहीं कैसे खेली थी,
तुम आओ तो, होली खेलें ।
फिर रंगों में भरें रंग,
अंग भर भर,होली खेलें ।
पानी में लाएं गरमाहट,
भिगो भिगो कर, होली खेलें ।
गुजिया की लौटाएं मिठास,
ठंडाई संग , होली खेलें ।
पिचकारी की चोट हमारी,
गुब्बारे का जोश तुम्हारा,
हों हम गुत्थमगुत्था,होली खेलें ।
तुम आओ तो होली खेलें,
तुम आओ तो,फिर होली खेलें !!
                                      - Author Vivek Sharma


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अब याद नहीं कैसे खेली थी,
तुम आओ तो, होली खेलें ।
फिर रंगों में भरें रंग,
अंग भर भर,होली खेलें ।
पानी में लाएं गरमाहट,
भिगो भिगो कर, होली खेलें ।
गुजिया की लौटाएं मिठास,
ठंडाई संग , होली खेलें ।
पिचकारी की चोट हमारी,
गुब्बारे का जोश तुम्हारा,
हों हम गुत्थमगुत्था,होली खेलें ।
तुम आओ तो होली खेलें,
तुम आओ तो,फिर होली खेलें !!
                                      - Author Vivek Sharma


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