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✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाब

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब अपने ही लोग स्वयं के निजी स्वार्थों की खातिर अपनों की ही बुराई करने और सुनने लगें तो समझ जाना चाहिए की अब रिश्ते में से दर्द -अहसास -अपनापन -कशिश -लिहाज खत्म हो चुका है ,अब रिश्ता बाकी है तो सिर्फ सामाजिक तौर पर, लेकिन अंदर से बिखर चुका है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कल तक खामोश रहने वाली जुबानें -सिर झुका कर अदब -सलीके से बात करने वाले चेहरे जब रिश्तों -उम्र  का लिहाज खो बैठें और बराबरी पर -जुबान दराजी पर आ जाएं तो या तो वहां से अलग हो जाना बेहतर है या गर कुछ कर्ज फर्ज अधूरे रह गए हैं तो उनको निभाने तक एकदम शांत और अपने आप को कहीं ओर मशगूल कर लेना लाजमी है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब आप अपनों के बीच ही तन्हा महसूस करने लग जाएं ,जहाँ आपके दर्द -जज्बातों -ख़ामोशी -आंसुओं को भी सब बेफिक्र होकर हवा में उड़ाने लग जाएं तो बेहतर है की ख़ामोशी  की चादर ओढ़ कर इस दर्द -जिल्लत को आपके खुद के पूर्व जन्मों के गलत कर्मों का दुष्परिणाम मान कर अपने जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांगने एवं उसकी अरदास में लग जाएं ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लड़ना तो यहाँ हर कोई जानता है मगर ये सोच सोच का फ़र्क़ है ,किसी को हर बात में -हर हाल में अपने आपको सही साबित करने एवं आपको गलत ठहराने  की जिद है तो कहीं संबंधों में लिहाज का पर्दा रखते हुए मुस्करा कर टाल देने का अदब है ..., 

आखिर में एक ही बात समझ आई की इस जहाँ में केवल एक ही चीज चलती है ,सही कहा है कहने वाले ने की:- बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया ...आपका कुछ समय का गलत वक़्त आपके बीते हुए समस्त हसीं -अच्छे -यादगार पलों पर भारी पड़ जाता है ...सामने वाले को अब सिवाय कमियों के आपमें कुछ नजर नहीं आता -आप अब एक बोझ बन जाते हो ,एक जिन्दा चलती फिरती लाश ...जहाँ यकीन मानिये आपके इस दुनिया से रुखसत  हो जाने के बाद भी कोई दुःख नहीं बल्कि सुकून ही होगा ...!

"*क्या आप एक प्रश्न का उत्तर देंगें की सच को बोलना ज्यादा आसान है या सच को सुनना और स्वीकार करना ज्यादा कठिन है?? *"

ना जाने क्यों आज किसी शायर का एक शेर याद आ रहा है की :-
हमसे पता नहीं सच्ची या झूटी मोहब्बत  करने वाले ...
एक दिन सच में या दिखावे के लिए रोते ही  रह  जाएंगे ...🥲
क्यूंकि एक दिन जो हम सोयेंगे -फिर सोते ही रह जायेंगें  .....🪔

🙏अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब अपने ही लोग स्वयं के निजी स्वार्थों की खातिर अपनों की ही बुराई करने और सुनने लगें तो समझ जाना चाहिए की अब रिश्ते में से दर्द -अहसास -अपनापन -कशिश -लिहाज खत्म हो चुका है ,अब रिश्ता बाकी है तो सिर्फ सामाजिक तौर पर, लेकिन अंदर से बिखर चुका है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कल तक खामोश रहने वाली जुबानें -सिर झुका कर अदब -सलीके से बात करने वाले चेहरे जब रिश्तों -उम्र  का लिहाज खो बैठें और बराबरी पर -जुबान दराजी पर आ जाएं तो या तो वहां से अलग हो जाना बेहतर है या गर कुछ कर्ज फर्ज अधूरे रह गए हैं तो उनको निभाने तक एकदम शांत और अपने आप को कहीं ओर मशगूल कर लेना लाजमी है ...,
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब अपने ही लोग स्वयं के निजी स्वार्थों की खातिर अपनों की ही बुराई करने और सुनने लगें तो समझ जाना चाहिए की अब रिश्ते में से दर्द -अहसास -अपनापन -कशिश -लिहाज खत्म हो चुका है ,अब रिश्ता बाकी है तो सिर्फ सामाजिक तौर पर, लेकिन अंदर से बिखर चुका है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कल तक खामोश रहने वाली जुबानें -सिर झुका कर अदब -सलीके से बात करने वाले चेहरे जब रिश्तों -उम्र  का लिहाज खो बैठें और बराबरी पर -जुबान दराजी पर आ जाएं तो या तो वहां से अलग हो जाना बेहतर है या गर कुछ कर्ज फर्ज अधूरे रह गए हैं तो उनको निभाने तक एकदम शांत और अपने आप को कहीं ओर मशगूल कर लेना लाजमी है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब आप अपनों के बीच ही तन्हा महसूस करने लग जाएं ,जहाँ आपके दर्द -जज्बातों -ख़ामोशी -आंसुओं को भी सब बेफिक्र होकर हवा में उड़ाने लग जाएं तो बेहतर है की ख़ामोशी  की चादर ओढ़ कर इस दर्द -जिल्लत को आपके खुद के पूर्व जन्मों के गलत कर्मों का दुष्परिणाम मान कर अपने जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांगने एवं उसकी अरदास में लग जाएं ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लड़ना तो यहाँ हर कोई जानता है मगर ये सोच सोच का फ़र्क़ है ,किसी को हर बात में -हर हाल में अपने आपको सही साबित करने एवं आपको गलत ठहराने  की जिद है तो कहीं संबंधों में लिहाज का पर्दा रखते हुए मुस्करा कर टाल देने का अदब है ..., 

आखिर में एक ही बात समझ आई की इस जहाँ में केवल एक ही चीज चलती है ,सही कहा है कहने वाले ने की:- बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया ...आपका कुछ समय का गलत वक़्त आपके बीते हुए समस्त हसीं -अच्छे -यादगार पलों पर भारी पड़ जाता है ...सामने वाले को अब सिवाय कमियों के आपमें कुछ नजर नहीं आता -आप अब एक बोझ बन जाते हो ,एक जिन्दा चलती फिरती लाश ...जहाँ यकीन मानिये आपके इस दुनिया से रुखसत  हो जाने के बाद भी कोई दुःख नहीं बल्कि सुकून ही होगा ...!

"*क्या आप एक प्रश्न का उत्तर देंगें की सच को बोलना ज्यादा आसान है या सच को सुनना और स्वीकार करना ज्यादा कठिन है?? *"

ना जाने क्यों आज किसी शायर का एक शेर याद आ रहा है की :-
हमसे पता नहीं सच्ची या झूटी मोहब्बत  करने वाले ...
एक दिन सच में या दिखावे के लिए रोते ही  रह  जाएंगे ...🥲
क्यूंकि एक दिन जो हम सोयेंगे -फिर सोते ही रह जायेंगें  .....🪔

🙏अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब अपने ही लोग स्वयं के निजी स्वार्थों की खातिर अपनों की ही बुराई करने और सुनने लगें तो समझ जाना चाहिए की अब रिश्ते में से दर्द -अहसास -अपनापन -कशिश -लिहाज खत्म हो चुका है ,अब रिश्ता बाकी है तो सिर्फ सामाजिक तौर पर, लेकिन अंदर से बिखर चुका है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कल तक खामोश रहने वाली जुबानें -सिर झुका कर अदब -सलीके से बात करने वाले चेहरे जब रिश्तों -उम्र  का लिहाज खो बैठें और बराबरी पर -जुबान दराजी पर आ जाएं तो या तो वहां से अलग हो जाना बेहतर है या गर कुछ कर्ज फर्ज अधूरे रह गए हैं तो उनको निभाने तक एकदम शांत और अपने आप को कहीं ओर मशगूल कर लेना लाजमी है ...,

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब अपने ही लोग स्वयं के निजी स्वार्थों की खातिर अपनों की ही बुराई करने और सुनने लगें तो समझ जाना चाहिए की अब रिश्ते में से दर्द -अहसास -अपनापन -कशिश -लिहाज खत्म हो चुका है ,अब रिश्ता बाकी है तो सिर्फ सामाजिक तौर पर, लेकिन अंदर से बिखर चुका है ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कल तक खामोश रहने वाली जुबानें -सिर झुका कर अदब -सलीके से बात करने वाले चेहरे जब रिश्तों -उम्र का लिहाज खो बैठें और बराबरी पर -जुबान दराजी पर आ जाएं तो या तो वहां से अलग हो जाना बेहतर है या गर कुछ कर्ज फर्ज अधूरे रह गए हैं तो उनको निभाने तक एकदम शांत और अपने आप को कहीं ओर मशगूल कर लेना लाजमी है ..., #समाज