✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️
🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब अपने ही लोग स्वयं के निजी स्वार्थों की खातिर अपनों की ही बुराई करने और सुनने लगें तो समझ जाना चाहिए की अब रिश्ते में से दर्द -अहसास -अपनापन -कशिश -लिहाज खत्म हो चुका है ,अब रिश्ता बाकी है तो सिर्फ सामाजिक तौर पर, लेकिन अंदर से बिखर चुका है ...,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कल तक खामोश रहने वाली जुबानें -सिर झुका कर अदब -सलीके से बात करने वाले चेहरे जब रिश्तों -उम्र का लिहाज खो बैठें और बराबरी पर -जुबान दराजी पर आ जाएं तो या तो वहां से अलग हो जाना बेहतर है या गर कुछ कर्ज फर्ज अधूरे रह गए हैं तो उनको निभाने तक एकदम शांत और अपने आप को कहीं ओर मशगूल कर लेना लाजमी है ...,
#समाज