जाने किस जाल में फँसा हूँ बारहा इस सवाल में फँसा हूँ जिस्म भी अब दर्द से बोले,क्यों हड्डियों के कंकाल में फँसा हूँ आवारा हुआ पर अपनों के मोह के जंजाल में फँसा हूँ दुनिया में कहाँ हूँ क्या कहूँ मैं प्यार के अकाल में फँसा हूँ बेहाल इस हाल में फँसा हूँ बेवफा के ख्याल में फँसा हूँ *बारहा- often #ख्याल#हिंदी