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जब अर्थ समझने जाना, तब फालतू क्या है बतलाना। जब ह

जब अर्थ समझने जाना,
तब फालतू क्या है बतलाना।

जब हमारे ख्यालों को महसूस कर पाना,
तब फालतू क्या है बतलाना।

कभी देखना ख्वाब हमारा जैसे हम तुम्हारा देखते हैं,
तब फालतू क्या है बतलाना।

कभी आंखों में हमारी देख कर एहसासात पढ़ पाना,
तब फालतू क्या है बतलाना।

जब इन सब से होते हुए इतनी दूर आना 
तो जान जाना की तुम्हारी हमारे लिए एहमियत क्या है।

और तब फालतू क्या है बतलाना।

©Alok krishya #BookLife
जब अर्थ समझने जाना,
तब फालतू क्या है बतलाना।

जब हमारे ख्यालों को महसूस कर पाना,
तब फालतू क्या है बतलाना।

कभी देखना ख्वाब हमारा जैसे हम तुम्हारा देखते हैं,
तब फालतू क्या है बतलाना।

कभी आंखों में हमारी देख कर एहसासात पढ़ पाना,
तब फालतू क्या है बतलाना।

जब इन सब से होते हुए इतनी दूर आना 
तो जान जाना की तुम्हारी हमारे लिए एहमियत क्या है।

और तब फालतू क्या है बतलाना।

©Alok krishya #BookLife
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Alok krishya

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