जब भी कुछ कहने की बात आती थी तो मैंने हमेशा से सोच रखा था कि खत लिखूँगा पर किसको ये पता नहीं था और आज समझ आया कि खत लिखना जरूरी है किसको लिखना है ये जरूरी नहीं है क्योंकि खत खुद ब खुद अपना पता ढूँढ लेती है वक़्त के साथ।नए दौर में प्रेम करना जितना आसान है उस से ज्यादा आसान है उस प्रेम से दूर हो जाना और मुझे ऐसा लगता है उन सारे लोगों को प्रेम करने से पहले सीख लेनी चाहिए खत लिखना।हम प्रेम को दिखा नहीं सकते पर महसूस जरूर करा सकते है।शब्दों का जादू प्रेम में कबूतर होता है जो आपके एहसासों को अपने अंदर भर के प्रेम के सागर में नाव बनता है।अगर प्रेम है तो खत लिखो और खत लिखते हो तो तुम प्रेम में हो। ©Sandeep Sagar sagar ki diary se 📖🖋