वर्ना देर हो जायेगी यह जिंदगी-ए-मोहब्बत न तेरे हाथ आएगी न ही मेरे हाथ आएगी। कुछ भी न बचेगा महज़ यादों के सिवा, जिसकी तड़प में तेरी और मेरी ये नाज़ुक आँखे सदा रोती रह जाएगी। माना कि कसूर भी इन्हीं आंखो का ही है जिसने करवाया यह हसीन हादसा, मगर इनके आंसुओ की भी बढ़ी कीमत है जो हमसे अदा न हो पाएगी। इसीलिए इन्हें माफ कर आखिर फैसला कर ही दीजिए वरना देर हो जायेगी। यूँ मंझधार में रखने से क्या फ़ायदा एक किनारे लगा दीजिए फ़ैसला कर दीजिए। #फ़ैसला #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi