एक झलक' बेताब एक झलक पाने को रहते, निगाहों में उस पल को कैद करने को रहते, ना जाने कितनी बेड़ियों को तोड़कर, विकल उसकी बंदिशों में कैद होने को रहते| @रुचि झा #एक_झलक