कुछ कहना है शायद मुझको की अब मानने लगी हूँ खुदा तुझको तेरे बेगैर ये ज़िन्दगी लगती हैं बेजान मुझको कभी रूठ न जाना ओ यारा मेरे वरना ओढ़ कफ़न चल देगे.. खुदा के दरवाज़े हर किस्सा कहानी सुनाउगी .. उस खुदा को ओर फिर से लिखवा लाउगी उस खुदा से इस खुदा को.. प्रेम कहानी