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एक चिंगारी कभी अंगार बनती है , एक बिंदू

एक    चिंगारी    कभी 
अंगार बनती है ,
एक  बिंदू   गणित  का 
आधार बनती है ,
तुम उसे बेकार कहकर 
छोड़ मत देना ,
एक   सूखी   डाल   ही 
पतवार बनती है !

अशान्त (दिल्ली) poem
एक    चिंगारी    कभी 
अंगार बनती है ,
एक  बिंदू   गणित  का 
आधार बनती है ,
तुम उसे बेकार कहकर 
छोड़ मत देना ,
एक   सूखी   डाल   ही 
पतवार बनती है !

अशान्त (दिल्ली) poem