ज़्यादा बड़ी नहीं, हाँ सच में, ज़्यादा.... बड़ी नहीं, बस.....छोटी-सी आशा है, बगान में खिले उस लाल गुलाब को छोड़कर बंजर ज़मीं पर खिले इस ख़ूबसूरत फूल पर भी कोई इक वारी नज़र डाल ले॥ बंजर ज़मीं भी आपका इंतज़ार कर रही साहब, इक वारी नज़र डाल कर तो देखिए। #बंजर#ज़मीं #ख़ूबसूरत #फूल