कश्मीर का विवाद भी अब तो हल हो गया न जाने हमारा उनका ये मसला कब खत्म होगा उलझे है इस कदर इस रिश्ते में कोई वजह भी बेवजह समझ नही आती वो इख्तियार करते तो कुछ रजामंदी से हम भी मान जाते वो उखड़े से इस कदर है कि जो बात है वो हमें रास नही आती nojoto#love poetry