जब कमजोर प्रजा पर अन्याय ही सत्ता की हनक बन जाए बदल दिए जाएं स्थापित नियम और टूट जाएं सब वर्जनाएं तब सत्ता के नशे में चूर घनानंदों को धरा की धूल चटाता है कोई चाणक्य फिर किसी चन्द्र गुप्त को तराश कर लाता है जिस तरह मर्यादाएं तार तार हो रही हैं।राज सत्ताएं अपनी सनक और हनक में जन मानस के जीवन और संस्कृति को नष्ट करने में लगी हैं। लगता है कोई चाणक्य फिर संकल्प उठाएगा और भारत के गौरव को वापस लाने के लिए एक और चन्द्र गुप्त आएगा। #jayakikalamse #yqdidi #yqdairy #politics #bengalburning